Monday, September 16, 2019

10 साल के लिए था आरक्षण यह तो 70 साल हो गए

 10 साल के लिए था आरक्षण यह तो 70 साल हो गए


जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35-ए हट सकता है तो जातिगत आरक्षण भी हटाया जा सकता है। यदि सरकार आरक्षण रखना ही चाहती है तो इसे जाति के आधार पर न रखते हुए आर्थिक आधार पर लागू करे, ताकि देश की हर जाति और धर्म के गरीबों को इसका फायदा मिल सके। एससी-एसटी वर्ग के लिए बनाए गए एट्रोसिटी एक्ट में भी बदलाव किया जाए। एक देश-एक कानून होना चाहिए।एक बार जिसे आरक्षण का लाभ मिल जाए, फिर दूसरी बार न दिया जाए। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने रविवार को यह मुद्दा जोरशोर से उठाया। प्रदेशभर से करणी सेना के करीब 50 हजार कार्यकर्ताओं ने शहर में रैली निकालकर प्रदर्शन किया और चिमनबाग चौक में सभा की। बारिश के बावजूद सभा में राजपूत समाज के महिला-पुरुष डटे रहे।सभा के पहले करणी सेना के कार्यकर्ता रैली के रूप में चिमनबाग पहुंचे और आमसभा रखी। रैली के कारण विजय नगर, एलआईजी, एमआईजी, रामबाग, पाटनीपुरा, मालवा मिल, नगर निगम चौराहे पर यातायात ठप हो गया। कार्यकर्ता वाहनों के साथ सभास्थल पर पहुंचने लगे तो रास्ते में पुलिस ने वाहन रुकवा दिए। कार्यकर्ता पैदल ही सभास्थल की ओर चल दिए। करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष जीवनसिंह शेरपुर ने कहा कि देश में लोकतंत्र लागू हुआ तो हमारे पूर्वजों ने अपनी 562 रियासतों का देश में विलय कर दिया। हम लोकतंत्र को खत्म करने की मांग नहीं कर रहे हैं, लोकतंत्र रहना चाहिए और रहेगा, लेकिन जातिगत आरक्षण से देश की युवा प्रतिभा बर्बाद हो रही है।हम आरक्षण खत्म करने की मांग नहीं कर रहे हैं, लेकिन इसे आर्थिक आधार पर लागू किया जाए। राजस्थान से आए करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेवसिंह गोगामेड़ी ने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए संगठन की एकता के नारे लगवाए। साथ ही सरकार को चुनौती दी कि यह आंदोलन यहीं नहीं थमेगा, हम इसे दिल्ली तक लेकर जाएंगे। वक्ताओं ने कहा कि जो आरक्षण का लाभ लेकर आईएएस और आईपीएस बन गए, वही चार-चार पीढ़ी से आरक्षण का उपभोग कर रहे हैं। पिछड़ा वर्ग, पाटीदार समाज और ब्राम्हण समाज के संगठनों ने भी आंदोलन का समर्थन किया।करणी सेना की मंदसौर की महिला पदाधिकारी दुर्गेशकुंवर भाटी ने कहा कि देश आजाद होने के बाद 10 साल के लिए आरक्षण लागू किया गया था, लेकिन अब तो 70 साल से अधिक हो गए। मैं प्रधानमंत्रीजी से पूछना चाहती हूं कि वे फ्रांस में जाकर कहते हैं कि उन्होंने अनुच्छेद 370 और 35-ए हटा दिया, लेकिन 10 साल के लिए लागू किया गया कानून क्यों नहीं हटा रहे हैं। हरियाणा से आए ओकेंद्र राणा ने कहा कि हमें अपनी रियासतें वापस कर दो, आरक्षण की जरूरत नहीं है। करणी सेना के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष राज शेखावत ने कहा कि आरक्षण की समीक्षा की जाए और इसे आर्थिक आधार पर लागू कर दिया जाए।एट्रोसिटी एक्ट का भी खात्मा होना चाहिए। इस एक्ट में मेरे बच्चों पर भी झूठे केस दर्ज हुए हैं। दिसंबर में गुजरात में भी इन मुद्दों पर बड़ा आंदोलन होगा। करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगेंद्रसिंह कटार, महाराष्ट्र से आए राष्ट्रीय महासचिव आनंदसिंह ठोके, ऋषिराजसिंह सिसौदिया, हेमंतसिंह चौहान, रवींद्रसिंह राणा, शैलेंद्रसिंह पटलावद, दीप्ति रायसिंह तोमर, पाटीदार समाज के प्रदेश अध्यक्ष ओम पाटीदार, पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधि रविशंकर सोनी, परशुराम सेना के सुधीर शर्मा सहित अन्य पदाधिकारियों ने भी संबोधित किया। सभा में करणी सेना के शैलेंद्रसिंह झाला, चेतनसिंह सिसौदिया, गोकुलसिंह, निर्मल पटेल सहित कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे।प्रधानमंत्री के नाम प्रशासन को सौंपा ज्ञापनकरणी सेना की सभा करीब ढाई घंटे चली। पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री के नाम दिया जाने वाला ज्ञापन कलेक्टर और एसपी के निवास पर जाकर देने की बात की तो कुछ देर बाद अपर कलेक्टर बीबीएस तोमर और एसडीएम शाश्वत शर्मा ने मंच पर ही आकर ज्ञापन ले लिया। ज्ञापन में करणी सेना ने 10 सूत्री मांगें रखीं। इसमें पदोन्नति में आरक्षण व्यवस्था पूरी तरह समाप्त करने, एक बार आरक्षण का लाभ लेने वाले परिवार को दूसरी बार आरक्षण न देने, 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण में मकान और भूमि संबंधी नियम हटाने, महाराणा प्रताप की जयंती पर देशभर में अवकाश रखने आदि मांगें शामिल हैं।