Monday, September 30, 2019

<no title>नाबालिक लड़की का अपहरण करने वाला आरोपी पुलिस थाना सांवेर द्वारा गिरफ़्तार

नाबालिक लड़की का अपहरण करने वाला आरोपी पुलिस थाना सांवेर द्वारा गिरफ़्तार


*आरोपी की गिरफ्तारी पर था 5000 रुपये का ईनाम*
इंदौर दिनांक 29 सितम्बर 2019- पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा चलाये जा रहे गुम बालक बालिकाओ के दस्तयाबी हेतु चलाये जा रहे विशेष अभियान के निर्देशन मे श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इंदौर शहर श्रीमति रुचि वर्धन मिश्र द्वारा निर्देश दिये गये। जिसके तारतम्य मे पुलिस अधीक्षक पश्चिम इंदौर श्रीमति कृष्णावेणी देसावतु एवम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण क्षेत्र महू श्री धर्मराज मीणा  के मार्ग दर्शन मे अनुविभागीय अधिकारी सांवेर श्री एम.एस परमार के मार्ग दर्शन मे निरीक्षक बी.एस.चौहान द्वारा टीम गठीत कर कार्यवाही के लिए लगाया गया।
पुलिस  थाना सांवेर पर दिनांक 01.05.2018 को फरियादी  रतन पिता सालिग्राम निवासी – संजयनगर सावेर द्वारा उपस्थित होकर बताया कि मेरी नाबालिक पुत्री सुबह 09.00 बजे स्कूल का कह कर गयी थी जो अभी तक वापस नही आय़ी है जिसकी सूचना मेरी पत्नि ने मुझे फोन पर दी तो मे घर आया। और  स्कूल मे पता लगया तो स्कूल मे बताया कि  नेहा तो कल स्कूल ही नही आयी । मै घर आया तथा रिश्तेदारी मे तलाश कि पता नही चला  जिसे कोई अज्ञात बदमाश बहला फुसलाकर ले गया । फरियादी कि रिपोर्ट अपराध क्रमाकं 171 / 18 दिनांक 01.05.2018 को  धारा 363 भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया। आरोपी काफी शातिर होकर अपना निवास स्थान बदलता रहा जिसके गिरफ्तारी हेतु श्रीमान पुलिस अधीक्षक पश्चिम द्वारा 5000 रुपये का ईनाम उद्धोषणा कि गयी है । दिनाकं 29.09.2019 को जरिये मुखबिर द्वारा सूचना दी गयी की आरोपी जितेन्द्र व नाबालिग अपहर्ता उज्जैन रेल्वे स्टेशन पर देखे गये है ।  मुखबिर कि सूचना पर विश्वास कर तत्काल टीम गठित कर उज्जैन रेल्वे स्टेशन पर सर्च करते आरोपी उज्जैन रेल्वे स्टेशन वेटिग रुम मे अपह्रता के साथ मिला । पूछताछ करते आरोपी अपह्रता को लेकर गुजरात निकलने वाला था । आरोपी जितेन्द्र पिता खेमचन्द्र बरगुण्डा उम्र – 32 साल निवासी – तेजाजी चौक सावेर  के कब्जे से नाबालिक को बरामद किया गया । 


  उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी निरीक्षक बृजेन्द्र सिंह चौहान , उप निरी. राखी गुर्जर, स.उ.नि चैन सिंह चौहान , आर.3661 सुमित रजक , आर. 3637 राहुल भदौरिया , म.आर 193 रोशनी शर्मा, आर.3995 उमेश रघुवंशी का सराहनीय योगदान रहा है ।


Friday, September 20, 2019

 पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययन शाला

 पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययन शाला


  देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती उत्सव के उपलक्ष्य में चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, विभागाध्यक्ष डॉ. सोनाली नरगुंदे ने बताया कि गांधी जी की 150वीं जयंती को लेकर विभाग में गांधी दर्शन से जुड़ी कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा, जिसमें पेंटिंग ,पोस्टर,क़िविज, भाषण को रखा गया है।
चित्रकला प्रतियोगिता में अलीशा शेख, नूपुर सागर, राधा कुशवाह, साक्षी चौरसिया, हर्षवर्धन, अंबिका बुंदेला ने 'गांधी जी के सपनों का भारत' थीम पर पेंटिंग और पोस्टर बनाकर न्यू इंडिया को अपनी कला के माध्यम से दर्शाया। आयोजक में अमन सिंह और उत्तम पालीवाल की भूमिका अहम रही ।


 


किसान आंदोलन विशाल धरना प्रदर्शन कमलनाथ सरकार के खिलाफ

किसान आंदोलन विशाल धरना प्रदर्शन कमलनाथ सरकार के खिलाफ


आज दिनांक 20 सितंबर को महू तहसील पर "विशाल धरना प्रदर्शन और किसान आंदोलन" किया. सभी कार्यकर्ता ड्रीमलैंड चौराहे पर  ट्रैक्टर लेकर एकत्रित हुए और रैली के रूप में तहसील कार्यालय पहुंचे               मध्यप्रदेश में भारी  बारिश के चलते चारों ओर बाढ़ की स्थिति बनी हुई है,जिसके चलते आमजन विशेषकर किसान परेशान है, लेकिन कहीं भी सरकार और प्रशासन की मौजूदगी नहीं दिखाई देती है।सरकार का एक भी नुमाइंदा ऐसा नहीं है जिसने बाढ़ पीडितों के बीच पहुंचकर उन्हें संबल देने का काम किया है
अतः प्रदेश की इस गूंगी बहरी सरकार को जगाने के लिए तथा किसानों को खराब फसलों का मुआवजा एवं उनका हक दिलवाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के आव्हान पर आज 20 सितंबर 2019 को महू विधानसभा मै *विधायक सुश्री उषा जी ठाकुर (दीदी) के नेत्रत्व में कमलनाथ सरकार के ख़िलाफ़ विशाल धरना प्रदर्शन एवं किसान आंदोलन हुआ.*  आन्दोलन में पार्टी के सभी वरिष्ट जन, संगठन पदाधिकारी, सभी किसान ,मोर्चों के अध्यक्ष एवं भारी संख्या मे किसान कार्यकर्ता ट्रैक्टर के साथ पहुचें ।
सभी ने तहसील कार्यालय पहुँच ज्ञापन दिया। ताकि यह कुम्भकर्णी नींद सो रही सरकार जागे तथा किसानों की सुध ले।


Thursday, September 19, 2019

मेट्रो प्रोजेक्ट में मंडीदीप, एयरपोर्ट एवं पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र जुड़ेगा

मेट्रो प्रोजेक्ट में मंडीदीप, एयरपोर्ट एवं पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र जुड़ेगा

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के संचालक मंडल की बैठक में दिए निर्देशमुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने भोपाल और इन्दौर मेट्रो प्रोजेक्ट में भोपाल के मंडीदीप और एयरपोर्ट तथा इन्दौर के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को भी जोड़ने को कहा है।  श्री नाथ ने यह निर्देश मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड के संचालक मंडल की मंत्रालय में हुई बैठक में दिए। बैठक में लोक निर्माण मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा एवं नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री जयवर्धन सिंह उपस्थित थे।


 मुख्यमंत्री श्री नाथ ने कहा कि मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए निर्धारित समय-सीमा को कम करते हुए इसे शीघ्र पूरा करने को कहा। उन्होंने इसके लिए निर्माण प्रक्रिया की अवधि का पुन: परीक्षण करने के निर्देश दिए। श्री नाथ ने कहा कि इसके निर्माण का कार्य साथ-साथ हो ताकि यह प्रोजेक्ट शीघ्र पूरा हो और इसका लाभ इन्दौर भोपाल के लोगों को जल्द मिल सके।
 मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में मेट्रो परियोजना अनुभव और अपनायी गई प्रक्रिया का भोपाल-इन्दौर के प्रोजेक्ट में लाभ लें। वहां अपनायी गई तकनीक का उपयोग करें। इससे हमारे कार्य में गति आएगी और हम उन बाधाओं का समाधान पूर्व से निकाल सकेंगे जो दिल्ली मेट्रो के निर्माण के समय आई थीं।
 मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव लोकनिर्माण श्री मलय श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री संजय दुबे, आयुक्त नगरीय विकास श्री पी. नरहरि, प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कंपनी श्री स्वतंत्र कुमार सिंह एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। 

  


 WhatsApp per teen talaq

 


 WhatsApp per teen talaq

कर्नाटक के शिवमोग्गा में एक व्यक्ति के ऊपर अपनी पत्नी को तीन तलाक देने का आरोप है। पुलिस ने इस मामले में पत्नी की शिकायत पर आरोपी पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। आरोपी पति दुबई में रहता है और उसने वहां से पत्नी को वाट्सएप्प पर तीन तलाक दे दिया। 


पीड़िता आयशा और मुस्तफा की शादी 20 साल पहले हुई थी। शादी के बाद काम की तलाश में मुस्तफा दुबई चला गया और आयशा भारत में ही रही। बताया गया है कि जब आयशा गर्भवती हुई तो मुस्तफा ने उसे गर्भपात के लिए मजबूर किया, लेकिन जब वह गर्भ धारण नहीं कर सकी, तो उसने एक लड़की को गोद ले लिया। आयशा का कहना है कि मुस्तफा ने जनवरी 2019 में उनसे मुलाकात की थी और वह उन दोनों के साथ मिलकर खुश था।
हाल ही में, जब आयशा ने उससे कुछ पैसे मांगे, तो गुस्से में मुस्तफा ने आयशा से कहा कि वह गोद ली हुई बेटी को छोड़ दे। इसके बाद मुस्तफा ने 28 अगस्त को व्हाट्सएप्प पर एक तीन तलाक का संदेश भेजा। मुस्तफा के इस कदम के बाद आयशा ने अब कानूनी सहारा लेने का फैसला किया है।
आयशा ने कहा कि मैं इस तलाक को स्वीकार नहीं करती हूं। मैंने एक मामला दर्ज किया है। मैंने न्याय की मांग की है। पुलिस ने कहा कि वे कुछ नहीं कर सकते क्योंकि मेरे पति दुबई में रहते हैं। पर मैं चाहती हूं कि मुझे न्याय मिले।
उसने थाने में मुस्तफा के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। तीन तलाक का नया कानून बनने के बाद से यह कर्नाटक में तीसरा ऐसा मामला है, जिसमें पति ने पत्नी को तीन तलाक दिया हो। 

Monday, September 16, 2019

 मुख्य सचिव इंदौर प्रेस क्लब में पधारे

 मुख्य सचिव इंदौर प्रेस क्लब में पधारे


इंदौर जिले में इंदौर प्रेस क्लब में मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव सुधी रंजन मोहंती ने पत्रकारों से चर्चा की चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि बारिश में खराब हुई मध्य प्रदेश की सड़कों का सुधार 20 सितंबर से 30 सितंबर के बीच 90% सड़कों का सुधार हो जाएगा 10% सड़कें जहां सड़क पूरी तरह से खत्म हो गई है या पुल आदि को बड़ा नुकसान हुआ है इन सड़कों का सुधार भी 30 नवंबर तक हो जाएगा द पायोनियर ने जब उनका ध्यान इंदौर जिले एवं संभाग के तालाबों के बारे में आकर्षित किया और बताया कि तालाबों की जानकारी तालाब की लंबाई चौड़ाई तालाब की जमीन का नंबर सर्वे नंबर रकबा नंबर आदि आम नागरिक की जानकारी के लिए वेबसाइट पर गूगल पर  ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है उन्होंने कहा इस मामले को दिखाया जाएगा जानकारी के लिए हम यह बता दें कि अगर गूगल पर इंदौर जिले के तालाब  इंदौर संभाग के तालाब आदि सर्च करते हैं तो तालाबों की कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है तालाबों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होने पर नागरिक जब अपने उपयोग के लिए कहीं पर भी जमीन खरीदेंगे तो उन्हें जानकारी रहेगी यह जमीन तालाब से कितनी दूर है और भविष्य में पानी भराव की समस्या इससे उनके द्वारा क्रय की गई भूमि पर नहीं आएग


10 साल के लिए था आरक्षण यह तो 70 साल हो गए

 10 साल के लिए था आरक्षण यह तो 70 साल हो गए


जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35-ए हट सकता है तो जातिगत आरक्षण भी हटाया जा सकता है। यदि सरकार आरक्षण रखना ही चाहती है तो इसे जाति के आधार पर न रखते हुए आर्थिक आधार पर लागू करे, ताकि देश की हर जाति और धर्म के गरीबों को इसका फायदा मिल सके। एससी-एसटी वर्ग के लिए बनाए गए एट्रोसिटी एक्ट में भी बदलाव किया जाए। एक देश-एक कानून होना चाहिए।एक बार जिसे आरक्षण का लाभ मिल जाए, फिर दूसरी बार न दिया जाए। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने रविवार को यह मुद्दा जोरशोर से उठाया। प्रदेशभर से करणी सेना के करीब 50 हजार कार्यकर्ताओं ने शहर में रैली निकालकर प्रदर्शन किया और चिमनबाग चौक में सभा की। बारिश के बावजूद सभा में राजपूत समाज के महिला-पुरुष डटे रहे।सभा के पहले करणी सेना के कार्यकर्ता रैली के रूप में चिमनबाग पहुंचे और आमसभा रखी। रैली के कारण विजय नगर, एलआईजी, एमआईजी, रामबाग, पाटनीपुरा, मालवा मिल, नगर निगम चौराहे पर यातायात ठप हो गया। कार्यकर्ता वाहनों के साथ सभास्थल पर पहुंचने लगे तो रास्ते में पुलिस ने वाहन रुकवा दिए। कार्यकर्ता पैदल ही सभास्थल की ओर चल दिए। करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष जीवनसिंह शेरपुर ने कहा कि देश में लोकतंत्र लागू हुआ तो हमारे पूर्वजों ने अपनी 562 रियासतों का देश में विलय कर दिया। हम लोकतंत्र को खत्म करने की मांग नहीं कर रहे हैं, लोकतंत्र रहना चाहिए और रहेगा, लेकिन जातिगत आरक्षण से देश की युवा प्रतिभा बर्बाद हो रही है।हम आरक्षण खत्म करने की मांग नहीं कर रहे हैं, लेकिन इसे आर्थिक आधार पर लागू किया जाए। राजस्थान से आए करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेवसिंह गोगामेड़ी ने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए संगठन की एकता के नारे लगवाए। साथ ही सरकार को चुनौती दी कि यह आंदोलन यहीं नहीं थमेगा, हम इसे दिल्ली तक लेकर जाएंगे। वक्ताओं ने कहा कि जो आरक्षण का लाभ लेकर आईएएस और आईपीएस बन गए, वही चार-चार पीढ़ी से आरक्षण का उपभोग कर रहे हैं। पिछड़ा वर्ग, पाटीदार समाज और ब्राम्हण समाज के संगठनों ने भी आंदोलन का समर्थन किया।करणी सेना की मंदसौर की महिला पदाधिकारी दुर्गेशकुंवर भाटी ने कहा कि देश आजाद होने के बाद 10 साल के लिए आरक्षण लागू किया गया था, लेकिन अब तो 70 साल से अधिक हो गए। मैं प्रधानमंत्रीजी से पूछना चाहती हूं कि वे फ्रांस में जाकर कहते हैं कि उन्होंने अनुच्छेद 370 और 35-ए हटा दिया, लेकिन 10 साल के लिए लागू किया गया कानून क्यों नहीं हटा रहे हैं। हरियाणा से आए ओकेंद्र राणा ने कहा कि हमें अपनी रियासतें वापस कर दो, आरक्षण की जरूरत नहीं है। करणी सेना के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष राज शेखावत ने कहा कि आरक्षण की समीक्षा की जाए और इसे आर्थिक आधार पर लागू कर दिया जाए।एट्रोसिटी एक्ट का भी खात्मा होना चाहिए। इस एक्ट में मेरे बच्चों पर भी झूठे केस दर्ज हुए हैं। दिसंबर में गुजरात में भी इन मुद्दों पर बड़ा आंदोलन होगा। करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगेंद्रसिंह कटार, महाराष्ट्र से आए राष्ट्रीय महासचिव आनंदसिंह ठोके, ऋषिराजसिंह सिसौदिया, हेमंतसिंह चौहान, रवींद्रसिंह राणा, शैलेंद्रसिंह पटलावद, दीप्ति रायसिंह तोमर, पाटीदार समाज के प्रदेश अध्यक्ष ओम पाटीदार, पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधि रविशंकर सोनी, परशुराम सेना के सुधीर शर्मा सहित अन्य पदाधिकारियों ने भी संबोधित किया। सभा में करणी सेना के शैलेंद्रसिंह झाला, चेतनसिंह सिसौदिया, गोकुलसिंह, निर्मल पटेल सहित कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे।प्रधानमंत्री के नाम प्रशासन को सौंपा ज्ञापनकरणी सेना की सभा करीब ढाई घंटे चली। पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री के नाम दिया जाने वाला ज्ञापन कलेक्टर और एसपी के निवास पर जाकर देने की बात की तो कुछ देर बाद अपर कलेक्टर बीबीएस तोमर और एसडीएम शाश्वत शर्मा ने मंच पर ही आकर ज्ञापन ले लिया। ज्ञापन में करणी सेना ने 10 सूत्री मांगें रखीं। इसमें पदोन्नति में आरक्षण व्यवस्था पूरी तरह समाप्त करने, एक बार आरक्षण का लाभ लेने वाले परिवार को दूसरी बार आरक्षण न देने, 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण में मकान और भूमि संबंधी नियम हटाने, महाराणा प्रताप की जयंती पर देशभर में अवकाश रखने आदि मांगें शामिल हैं।


Friday, September 13, 2019

भावुक हुए विराट इवेंट के बीच

भावुक हुए विराट इवेंट के बीच


अनुष्का शर्मा और विराट कोहली के बीच का प्यार किसी से छुपा नहीं है। एक-दूसरे के साथ उनकी केमिस्ट्री साफ दिख जाती है। अनुष्का को लेकर विराट कई बार कह चुके हैं कि उन्होंने उसकी सोच बदली, हमेशा पॉजिटिव रहना सिखाया। कोई शक नहीं कि अनुष्का एक सपोर्टिग वाइफ है। उनका विराट को लेकर प्यार तब और सामने आया जब गुरुवार को नई दिल्ली में एक विशेष कार्यक्रम में एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा अपने पति के साथ पहुंचीं थी। दोनों ने DDCA Annual Honours 2019 के दौरान पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को विशेष श्रद्धांजलि दी।इस इवेंट में, फिरोजशाह कोटला का नाम बदलकर अरुण जेटली स्टेडियम कर दिया गया और एक विशेष स्टैंड भी कोहली के नाम पर रखा गया। अनुष्का पूरे इवेंट में विराट के साथ रही। इस दौरा पिता का एक किस्सा सुनकर विराट कोहली भावुक हो गए और उनके साथ अनुष्का भी। अनुष्का इस मौके पर कोहली के हाथ को चूमते हुए उसे सपोर्ट किया।


5000000 मांगने वाले कश्मीरी कारोबारी पति पर केस

 5000000 मांगने वाले कश्मीरी कारोबारी पति पर केस


इंदौर,महिला थाना पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर कश्मीरी कारोबारी पति व सास-ससुर के विरुद्ध दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज किया है। महिला का आरोप है कि पति 50 लाख रुपए की मांग कर रहा है। महिला एसबीआई बैंक में मैनेजर है और नौ वर्षों में करीब 25 लाख रुपए दे चुकी है।पुलिस के मुताबिक श्रीनगर एक्सटेंशन निवासी 34 वर्षीय साईमा खान की शिकायत पर पति नदीम अहमद गुरु निवासी कश्मीर बादाम बाग टाउन सोपोर बारामुला कश्मीर, ससुर अब्दुल सत्तार गुरु और सास नसीमा बेगम के खिलाफ केस दर्ज किया है। साईमा ने बताया कि नदीम गुरु इंदौर में ही पढ़ाई करता था। इस दौरान दोनों ने 20 अप्रैल 2010 को दोनों परिवारों की रजामंदी से निकाह कर लिया।उनका चार साल का एक बेटा भी है। पिता ने शादी में करीब 25 लाख रुपए खर्च किए थे। शादी के बाद भी कारोबार के लिए करीब 25 लाख दे दिए और खजराना रोड पर दुकान खुलवाई। लेकिन आरोपित 50 लाख रुपए की मांग करने लगे। पति पीड़िता के साथ मारपीट करने लगा। पुलिस ने मामले की जांच की और बुधवार रात केस दर्ज कर लिया। इसके पूर्व पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुलाया और काउंसलिंग करवाई। नदीम ने कहा कि वह पत्नी को साथ रखना चाहता है। उसने रुपए मांगने से भी इनकार किया। लेकिन महिला ने साथ रहने से मना कर दिया और केस दर्ज करवा दिया।


किसान नाराज पाकिस्तान से प्याज मंगाने से

किसान नाराज पाकिस्तान से प्याज मंगाने से


सरकारी कंपनी एमएमटीसी (मेटल्स एंड मिनरल्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) लिमिटेड ने पाकिस्तान, मिस्र, चीन, अफ़ग़ानिस्तान और अन्य देशों से प्याज़ के आयात के लिए निविदा मंगाई है जिस पर महाराष्ट्र के किसानों ने आपत्ति जताई है.स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के अध्यक्ष का कहना है कि जब खरीफ़ की फ़सल एक महीने के अंदर कटने वाली है तब बाहर से प्याज़ मंगाने से देश के किसानों को नुकसान होगा. उन्होंने सवाल किया, "पाकिस्तान से आयात क्यों? क्या भारत के किसान उससे बड़े दुश्मन हैं?"महाराष्ट्र के लासलगांव में एपीएमसी (कृषि उत्पादन बाज़ार समिति) मंडी के अध्यक्ष जयदत्ता होल्कर ने कहा, "जिस मात्रा के लिए निविदा मंगाई गई है (2000 टन, दो प्रतिशत प्लस और माइनस) वो ज़्यादा नहीं है लेकिन ये किसानों की भावनाओं को प्रभावित ज़रूर करेगा. जो किसान रबी की फसल से भंडारण करते थे वो अब इसे बेचने की जल्दी करेंगे जिससे कीमतें गिर जाएंगी."


Thursday, September 12, 2019

 इंदौर सेंट्रल एक्साइज एवं कस्टम विभाग के अधीक्षक के यहां वारदात

 इंदौर सेंट्रल एक्साइज एवं कस्टम विभाग के अधीक्षक के यहां वारदात

तेजाजी नगर की ब्रजनयनी कालोनी में रिटायर्ड सेंट्रल एक्साइज एंड कस्टम विभाग के अधीक्षक सीके पटले के यहां हुई डकैती की वारदात में तेजाजी नगर पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे हैं। पुलिस को घटना के पहले के दिन के जो दो सीसीटीवी फुटेज मिले थे। उन फुटेजों के आधार पर व घटना की साक्षी रही पटले की पत्नी के बयान के आधार पर पुलिस को पुख्ता यकीन है कि बदमाश बाग-टांडा के ही हैं।मामले में पुलिस ने एक दर्जन बदमाशों की जानकारी जेल से जुटाई है जो शातिर नकबजन रहे हैं और हालही में जेल से या तो जमानत पर या फिर पैरोल पर छुटे हैं। इन सभी बदमाशों के अड्डों पर दबिशें देकर पुलिस बदमाशों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।एएसपी जोन 3 प्रशांत चौबे ने बताया कि तेजाजी नगर में रिटायर्ड अधिकारी सीके पटले के यहां हुई वारदात में पुलिस को अहम सुराग मिले हैं। बदमाशों की वारदात के तरीके और जो सीसीटीवी फुटेज दो दिन की पड़ताल में सामने आए हैं वहीं पटले की पत्नी के बयानों के बाद पुलिस को बाग-टांडा के गिरोह के बदमाशों के ही वारदात में शामिल होने की जानकारी लग रही है।पटेल के घर में काम करने वाली नौकरानी व अन्य कारीगर व कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस को वारदात में घर के किसी परिचित के भी शामिल होने का शक है क्योंकि जिस ढंग से बदमाशों ने घर में घुसकर अधिकारी पटले की पत्नी शीला पटले को ही टारगेट किया था उससे ये स्पष्ट था कि बदमाशों को घर में जेवर होने और महिला के अकेले कमरे में सोने की जानकारी थी

सक्रिय हुई कांग्रेस विधानसभा चुनाव को लेकर

सक्रिय हुई कांग्रेस विधानसभा चुनाव को लेकर

महाराष्ट्र, झारखंड, दिल्ली और हरियाणा में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस पार्टी भी मिशन मोड में आ गई है। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में एआईसीसी मुख्यालय में इसे लेकर एक बैठक चल रही है। इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, केसी वेणुगोपाल और एके एंटिनी के अलावा पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद हैं।


कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी ने शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एक बैठक आयोजित की है। इस बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी शामिल होंगे।

चीनी सैनिक और भारतीय सैनिक भिड़े लद्दाख में

चीनी सैनिक और भारतीय सैनिक भिड़े लद्दाख में


लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष की ख़बर है.बुधवार को पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिक भिड़ गए और उनमें काफ़ी देर तक धक्का-मुक्की होती रही.यह घटना 134 किलोमीटर लंबी पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर हुई, जिसका दो तिहाई हिस्सा चीन के नियंत्रण में है. ''भारतीय सैनिक गश्त पर थे जब उनका सामना चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों से हो गया. चीनी सैनिकों ने इस क्षेत्र में भारतीय सैनिकों की मौजूदगी का विरोध किया और फिर दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की होने लगी. इसके बाद दोनों देशों ने यहां अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी. देर शाम तक यह संघर्ष जारी था."भारतीय सेना के हवाले से लिखा है कि तनाव के बाद भारत और चीन ब्रिगेडियर स्तर की द्विपक्षीय बातचीत को तैयार हो गए हैं.


Monday, September 9, 2019

आदिवासी लड़की ने बनाया कीर्तिमान बनी राज्य की पहली पायलट


आदिवासी लड़की ने बनाया कीर्तिमान बनी राज्य की पहली पायलट

ओडिशा के माओवादी प्रभावित मल्कानगिरी जिले की रहने वाली एक लड़की ने ऐसा काम किया है जिससे भविष्य में कई लड़कियों को प्रेरणा मिलेगी। 27 साल की यह आदिवासी लड़की व्यावसायिक विमान उड़ाने वाली राज्य की पहली महिला बन गई है। इस लड़की का नाम अनुप्रिया मधुमिता लाकड़ा है जो मल्कानगिरी जिले के पुलिस कांस्टेबल की बेटी है। उसका बचपन से पायलट बनने का सपना था। जो इस महीने इंडिगों एयरलाइंस में बतौर को-पायलट के तौर पर शामिल होने से पूरा हो गया।


मां यास्मीन ने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद मैंने और मेरे पति ने कभी भी बेटी को बड़े सपने देखने से नहीं रोका। उन्होंने कहा, 'हमें खुशी है कि वह जो बनने के सपने देखती थी वह बन गई है। मैं चाहती हूं कि मेरी बेटी सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने। मैं सभी माता-पिता से अनुरोध करता हूं कि वह अपनी बेटियों का साथ दें।' अनुप्रिया का पूरा परिवार मल्कानगिरी में एक जीर्ण-शीर्ण घर में रहता है। उनका एक भाई भी है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लाकड़ा की उपलब्धि पर उन्हें सोशल मीडिया पर बधाई दी है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'मैं उसकी उपलब्धि से खुश हूं। वह कई लड़कियों के लिए रोल मॉडल बनेगी।' आदिवासी नेता और ओडिशा आदिवासी कल्याण महासंघ अध्यक्ष निरंजन बिसी ने कहा कि लाकड़ा न केवल ओराओं आदिवासी समुदाय की पहली लड़की है बल्कि ओडिशा की भी है।
बिसी ने कहा, 'ऐसा जिला जहां अभी तक रेलवे लाइन नहीं पहुंची है वहां के आदिवासियों के लिए यह गर्व की बात है कि एक स्थानीय महिला अब विमान उड़ाएगी।' मल्कानगिरी में पली बढ़ी अनुप्रिया ने दसवीं तक की पढ़ाई जिले से ही की। 12वीं की शिक्षा पड़ोस के कोरापुट से ली। इसके बाद भुवनेश्वर में सरकार द्वारा संचालित इंजीनियरिंग कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई को पायलट बनने के सपने के लिए बीच में ही छोड़ दिया। फिर उन्होंने भुवनेश्वर के गवर्नमेंट एविएशन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया और अपना सपना पूरा किया।

Friday, September 6, 2019

पी चिदंबरम का बेटा  कार्तिक जेल नंबर 7 में रह चुका है


 पी चिदंबरम का बेटा  कार्तिक जेल नंबर 7 में रह चुका है

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का नया ठिकाना एशिया की सबसे बड़ी जेल के तौर पर पहचान रखने वाली तिहाड़ जेल है जहां उन्होंने बृहस्पतिवार को पहली रात काटी और शुक्रवार को अपने दिन की शुरुआत हल्के नाश्ते के साथ की। आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में उन्हें दो सप्ताह की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

जेल के अधिकारियों ने बताया कि चिदंबरम को बृहस्पतिवार शाम को जेल में लाया गया ओर उन्हें अलग कोठरी और वेस्टर्न शौचालय के अलावा कोई विशेष सुविधाएं नहीं मिलेगी। ये विशेष सुविधाएं उन्हें उनके अनुरोध पर अदालत ने दी हैं। अदालत ने उन्हें जेल में अपने साथ चश्मा, दवाएं ले जाने की अनुमति दी और निर्देश दिया कि उन्हें तिहाड़ जेल में अलग कोठरी में रखा जाए क्योंकि उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है।




तिहाड़ जेल में दिवंगत कांग्रेस नेता संजय गांधी, पूर्व जेएनयूएसयू नेता कन्हैया कुमार, राजद प्रमुख लालू यादव, उद्योगपति सुब्रत रॉय, गैंगस्टर छोटा राजन और चार्ल्स शोभराज, सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई हाई-प्रोफाइल कैदी रह चुके हैं। निर्भया सामूहिक दुष्कर्म के दोषी भी इसी जेल में बंद हैं।



जिओ के बाद जिओ फाइबर

  


जिओ के बाद जिओ फाइबर


जियो ने गुरुवार को भारत में हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड सेवा लॉन्च की जिससे भारत के उभरते हुए इंटरनेट और स्ट्रीमिंग उद्योग में उलट-पुलट होने की संभावना है.'जियो फ़ाइबर' की सालाना योजनाओं में मुफ़्त टीवी, सेट-टॉप बॉक्स और प्रीमियम स्ट्रीमिंग सेवाएं दी गई हैं.100 एमबीपीएस से 1जीबीपीएस तक की स्पीड के लिए टेलिकॉम दिग्गज रिलायंस 700 रुपये से 10,000 रुपये प्रति महीने का शुल्क लेगीजियो के बाद जियो फ़ाइबरइन योजनाओं से पूरे देश में एक बार फिर सस्ते इंटरनेट और मुफ़्त दी जा रही सेवाओं को लेकर प्राइस वॉर छिड़ने की संभावना है.2016 में जब रिलायंस ने जियो मोबाइल सेवा के ज़रिए मुफ़्त कॉल और डेटा देने की अपनी योजना शुरू की थी. इसके बाद मोबाइल नेटवर्क पर इंटरनेट की कीमतें गिरना शुरू हो गई थीं और प्रतिस्पर्धी कंपनियों और ग्राहकों के प्राइस वॉर देखने को मिला था.कहना था कि सब्स्क्राइबर्स को लैंडलाइन पर मुफ़्त आउटगोइंग कॉल से लेकर मुफ़्त एलईडी टीवी तक की योजनाओं का लाभ मिलेगा.उन्होंने यह भी कहा था कि प्रीमियम ग्राहक अपने कमरे में बैठ कर "घर के टीवी सेट पर रिलीज़ के दिन ही फ़िल्में देख सकेंगे." इसे जियो ने 'फ़र्स्ट डे फ़र्स्ट शो' का नाम दिया है.इन ऑफ़र्स का मतलब साफ़ है कि रिलायंस सिर्फ एक सेवा से ही एकसाथ प्रतिस्पर्धी टेलिकॉम कंपनियों, स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म और यहां तक कि सिनेमा हॉल के साथ मुक़ाबला करेगी.कंसल्टेंसी फ़र्म प्राइस वॉटरहाउस की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक़, भारतीय मीडिया इंडस्ट्री में विकास का लगभग 46 फ़ीसदी हिस्सा टेलिविज़न, स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म और फ़िल्म उद्योग का है.भारत दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ते इंटरनेट बाज़ारों में से एक है. पूरी संभावना है कि यहां वीडियो-ऑन-डिमांड का बाज़ार अभी और बड़ा होगा.इस साल की शुरुआत में रिलायंस जियो देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम ऑपरेटर बन गई. 30 जून को समाप्त हुई पहली तिमाही में रिलायंस जियो को 891 करोड़ रुपये का मुनाफ़ा हुआ है.रिलायंस की किसी भी नई सेवा के साथ देखने को मिलता रहा है है, जियो फ़ाइबर ने भी 5 सितंबर को अपने लॉन्च से पहले ही सुर्खियां बटोर ली थीं.अगस्त में मुकेश अंबानी की घोषणा ने टेलिकॉम सेक्टर को हिलाकर रख दिया था. आनन फ़ानन में कई प्रतिस्पर्धी टेलिकॉम ऑपरेटर इससे मुक़ाबले के लिए ऑफ़र्स ले आए.सबसे बड़े प्रतिस्पर्धी एयरटेल ने जियो फ़ाइबर के लॉन्च से पहले Xstream नाम के एक डिजिटल इंटरटेनमेंट सर्विस शुरू की.जैसी कि अपेक्षा थी, अंबानी ने ठीक वैसी ही योजनाओं और सुविधाओं की घोषणा जो बेहद लुभावनी हैं. यह भी तय था कि इसके लिए ग्राहकों को लंबी अवधि के लिए मुफ़्त ट्रायल ऑफर भी दिया जाएगा.इस ट्रॉयल अवधि के दौरान 'जियो फ़ाइबर प्रिव्यू ऑफर' में विभिन्न जियो एप्स के साथ 100 एमबीपीएस का जियो कनेक्शन मुफ़्त है.100 जीबी डेटा मिलेगा, लेकिन जो यूजर इसे ख़त्म कर लेते हैं उन्हें 40 जीबी का ऑनलाइन टॉप-अप दिया जाएगा. यह टॉप-अप 24 बार दिया जाएगा. यानी कुल मिलाकर 1000 जीबी से अधिक डेटा मुफ़्त मिलेगा.सब्स्क्राइब करने वाले ग्राहकों से राउटर के लिए 2,500 रुपये लिए जाएंगे जो रिफ़ंडेबल होंगे.प्रीमियम प्लान की तो और भी लुभावनी योजना है. इसे लेने वाले ग्राहकों को एचडी या एलईडी टीवी सेट और 4के (अल्ट्रा-हाई डेफिनिशन) सेट-टॉप बॉक्स मिलेगा, जिसकी मदद से आप ग्रुप वीडियो कॉल भी कर सकते हैं.जियो की इन सेवाओं के लिए अब तक क़रीब 1.5 करोड़ ग्राहकों ने पंजीकरण करवा लिया है.रिलायंस ने समूचे भारत के 1,600 शहरों में दो करोड़ परिवारों और डेढ़ करोड़ बिज़नेस संस्थानों में जियो फाइबर पहुंचाने का लक्ष्य रखा हैअन्य टेलिकॉम ऑपरेटरों के ग्राहकों की तुलना में इसके 34 करोड़ ग्राहक 30 फ़ीसदी अधिक खर्च करते हैं.जियो ने सितंबर 2016 में अपनी मोबाइल सेवाएं शुरू की थीं. इसकी शुरुआत मुफ़्त सेवाओं से की गई थी. तब महज छह महीने में ही इससे 10 करोड़ ग्राहक जुड़ गए थे.इसकी वजह से भारत में मोबाइल डेटा की कीमतें भी बहुत तेज़ी से नीचे गिरीं. जब जियो टेलिकॉम की शुरुआत हुई थी तब भारत में 10 ऑपरेटर्स थे, आज यह संख्या महज चार रह गई है.यही कारण है कि एयरटेल और बीएसएनएल जैसी कई ब्रॉडबैंड कंपनियां भारत में एक बार फिर उसी तरह की संभावनाएं देख रही हैं, जैसी कि जियो मोबाइल सेवाओं के शुरू होने के बाद दिखी थीं.


जियो ने गुरुवार को भारत में हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड सेवा लॉन्च की जिससे भारत के उभरते हुए इंटरनेट और स्ट्रीमिंग उद्योग में उलट-पुलट होने की संभावना है.'जियो फ़ाइबर' की सालाना योजनाओं में मुफ़्त टीवी, सेट-टॉप बॉक्स और प्रीमियम स्ट्रीमिंग सेवाएं दी गई हैं.100 एमबीपीएस से 1जीबीपीएस तक की स्पीड के लिए टेलिकॉम दिग्गज रिलायंस 700 रुपये से 10,000 रुपये प्रति महीने का शुल्क लेगीजियो के बाद जियो फ़ाइबरइन योजनाओं से पूरे देश में एक बार फिर सस्ते इंटरनेट और मुफ़्त दी जा रही सेवाओं को लेकर प्राइस वॉर छिड़ने की संभावना है.2016 में जब रिलायंस ने जियो मोबाइल सेवा के ज़रिए मुफ़्त कॉल और डेटा देने की अपनी योजना शुरू की थी. इसके बाद मोबाइल नेटवर्क पर इंटरनेट की कीमतें गिरना शुरू हो गई थीं और प्रतिस्पर्धी कंपनियों और ग्राहकों के प्राइस वॉर देखने को मिला था.कहना था कि सब्स्क्राइबर्स को लैंडलाइन पर मुफ़्त आउटगोइंग कॉल से लेकर मुफ़्त एलईडी टीवी तक की योजनाओं का लाभ मिलेगा.उन्होंने यह भी कहा था कि प्रीमियम ग्राहक अपने कमरे में बैठ कर "घर के टीवी सेट पर रिलीज़ के दिन ही फ़िल्में देख सकेंगे." इसे जियो ने 'फ़र्स्ट डे फ़र्स्ट शो' का नाम दिया है.इन ऑफ़र्स का मतलब साफ़ है कि रिलायंस सिर्फ एक सेवा से ही एकसाथ प्रतिस्पर्धी टेलिकॉम कंपनियों, स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म और यहां तक कि सिनेमा हॉल के साथ मुक़ाबला करेगी.कंसल्टेंसी फ़र्म प्राइस वॉटरहाउस की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक़, भारतीय मीडिया इंडस्ट्री में विकास का लगभग 46 फ़ीसदी हिस्सा टेलिविज़न, स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म और फ़िल्म उद्योग का है.भारत दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ते इंटरनेट बाज़ारों में से एक है. पूरी संभावना है कि यहां वीडियो-ऑन-डिमांड का बाज़ार अभी और बड़ा होगा.इस साल की शुरुआत में रिलायंस जियो देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम ऑपरेटर बन गई. 30 जून को समाप्त हुई पहली तिमाही में रिलायंस जियो को 891 करोड़ रुपये का मुनाफ़ा हुआ है.रिलायंस की किसी भी नई सेवा के साथ देखने को मिलता रहा है है, जियो फ़ाइबर ने भी 5 सितंबर को अपने लॉन्च से पहले ही सुर्खियां बटोर ली थीं.अगस्त में मुकेश अंबानी की घोषणा ने टेलिकॉम सेक्टर को हिलाकर रख दिया था. आनन फ़ानन में कई प्रतिस्पर्धी टेलिकॉम ऑपरेटर इससे मुक़ाबले के लिए ऑफ़र्स ले आए.सबसे बड़े प्रतिस्पर्धी एयरटेल ने जियो फ़ाइबर के लॉन्च से पहले Xstream नाम के एक डिजिटल इंटरटेनमेंट सर्विस शुरू की.जैसी कि अपेक्षा थी, अंबानी ने ठीक वैसी ही योजनाओं और सुविधाओं की घोषणा जो बेहद लुभावनी हैं. यह भी तय था कि इसके लिए ग्राहकों को लंबी अवधि के लिए मुफ़्त ट्रायल ऑफर भी दिया जाएगा.इस ट्रॉयल अवधि के दौरान 'जियो फ़ाइबर प्रिव्यू ऑफर' में विभिन्न जियो एप्स के साथ 100 एमबीपीएस का जियो कनेक्शन मुफ़्त है.100 जीबी डेटा मिलेगा, लेकिन जो यूजर इसे ख़त्म कर लेते हैं उन्हें 40 जीबी का ऑनलाइन टॉप-अप दिया जाएगा. यह टॉप-अप 24 बार दिया जाएगा. यानी कुल मिलाकर 1000 जीबी से अधिक डेटा मुफ़्त मिलेगा.सब्स्क्राइब करने वाले ग्राहकों से राउटर के लिए 2,500 रुपये लिए जाएंगे जो रिफ़ंडेबल होंगे.प्रीमियम प्लान की तो और भी लुभावनी योजना है. इसे लेने वाले ग्राहकों को एचडी या एलईडी टीवी सेट और 4के (अल्ट्रा-हाई डेफिनिशन) सेट-टॉप बॉक्स मिलेगा, जिसकी मदद से आप ग्रुप वीडियो कॉल भी कर सकते हैं.जियो की इन सेवाओं के लिए अब तक क़रीब 1.5 करोड़ ग्राहकों ने पंजीकरण करवा लिया है.रिलायंस ने समूचे भारत के 1,600 शहरों में दो करोड़ परिवारों और डेढ़ करोड़ बिज़नेस संस्थानों में जियो फाइबर पहुंचाने का लक्ष्य रखा हैअन्य टेलिकॉम ऑपरेटरों के ग्राहकों की तुलना में इसके 34 करोड़ ग्राहक 30 फ़ीसदी अधिक खर्च करते हैं.जियो ने सितंबर 2016 में अपनी मोबाइल सेवाएं शुरू की थीं. इसकी शुरुआत मुफ़्त सेवाओं से की गई थी. तब महज छह महीने में ही इससे 10 करोड़ ग्राहक जुड़ गए थे.इसकी वजह से भारत में मोबाइल डेटा की कीमतें भी बहुत तेज़ी से नीचे गिरीं. जब जियो टेलिकॉम की शुरुआत हुई थी तब भारत में 10 ऑपरेटर्स थे, आज यह संख्या महज चार रह गई है.यही कारण है कि एयरटेल और बीएसएनएल जैसी कई ब्रॉडबैंड कंपनियां भारत में एक बार फिर उसी तरह की संभावनाएं देख रही हैं, जैसी कि जियो मोबाइल सेवाओं के शुरू होने के बाद दिखी थीं.


Wednesday, September 4, 2019

 अर्थव्यवस्था पर ब्रेक मोदी सरकार की चूक

 


 


 अर्थव्यवस्था पर ब्रेक मोदी सरकार की चूक


12 नंवबर 1991 को जारी की गई वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट, 'इंडिया- स्ट्रक्चल एडजस्टमेंट क्रेडिट रिपोर्ट' के मुताबिक इसी के बाद भारत में सत्ता परिवर्तन के बाद पीवी नरसिम्हा राव ने बतौर प्रधानमंत्री आईएमएफ-वर्ल्ड बैंक की नीतियों को अपनाने पर हरी झंडी दी.विश्व बैंक की तमाम शर्तें मान ली गईं और पूंजी में ढांचागत परिवर्तन की शुरुआत हुई. विदेशी निवेश भारत में आने लगा. लाइसेंसी राज को ख़त्म करने के लिए उद्योगों को रियायत दी जाने लगी.राव की सत्ता के वक्त वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने उदारवादी इकॉनमी के ज़रिये तीन क़दम उठाए- ग्लोबलाइज़ेशन, बाज़ार अर्थव्यवस्था और पूंजी का वितरण. और इन्हीं तीन तरीकों के आसरे तब विश्व बैंक और आईएमएफ़ से बड़े लोन लिए गए.औद्योगिक उदारवाद तेज़ी से फैला. सार्वजनिक उपक्रम के डिसइन्वेस्टमेंट की सोच शुरू हुई और देखते ही देखते भारतीय इकॉनमी पटरी पर दौड़ने लगीया कहें जो क्षेत्र मॉनीटाइज़ेशन से दूर थे या फिर इनफ़ॉर्मल सेक्टर थे, वहां भी लोगों की बाज़ार से खरीदने की ताक़त बढ़ती रही. ख़ासकर इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में जुड़ा मज़दूर तबका, जो पूरी तरह असंगठित क्षेत्र का था, उसे मिल रहे काम और मज़दूरी ने जीडीपी ग्रोथ को बढ़ाने में मदद की.आर्थिक सुधार के इस पहले फ़ेज़ को बाद की सरकार ने भी जारी रखा. भारत में 1991 से शुरू हुए आर्थिक विकास की रफ़्तार को परखें तो 1991 से 2010 तक विकास दर दुनिया के अन्य देशों से एक तरफ़ कहीं बेहतर रही, वहीं आर्थिक विकास के इस ढांचे ने भारत के उस तबके में भी जान फूंक दी जो टैक्स के दायरे में नहीं था.ध्यान दें तो तीन स्तर पर भारत का आर्थिक विकास हुआ. भारतीय कंपनियों की शुमारी बहुराष्ट्रीय कंपनियों में होने लगी. बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने भारत में पैसा लगाना शुरू किया. मध्यम शहरी तबके की आय के इज़ाफे में तेज़ी आई.फिर अटल बिहारी वाजपेयी के दौर (1998-2004) को याद कीजिए. स्वर्ण चतुष्कोणीय सड़क योजना ने शहर से जुड़े ग्रामीण भारत की तस्वीर को बदलना शुरू किया. नेशनल हाइवे का निर्माण जिस तरह शहर के बाहरी इलाकों में देश भर में होना शुरू हुआ, उसने सड़क किनारे ज़मीन का मॉनिटाइज़ेशन जिस रफ़्तार से किया, उसका सीधा लाभ उस बाज़ार और उस उद्योग को मिला, जो प्रॉडक्ट व उत्पादन से जुड़ा था.कहीं ज़मीन से मिले मुआवज़े से कमाई हुई तो कहीं मुख्यधारा की इकॉनमी के क़रीब होने के लाभ ने देश के क़रीब तीन हज़ार गांवों की तस्वीर बदल दी.योजना आयोग की 2001-02 की रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरी प्रक्रिया में अंसगठित क्षेत्र से जुड़े 40 करोड़ लोग भी उपभोक्ता में तब्दील हो गए. किसान-मज़दूर भी खेती ना होने के मौसम में या खेती बर्बाद होने पर गांवों से शहरों में मज़दूरी के लिए निकले और कमाई से उनकी ख़रीद क्षमता भी बढ़ी. देशी कंपनियों के उत्पाद की मांग बिस्कुट-ब्रेड से लेकर साबुन और दोपहिया वाहन तक जा पहुंची.इसका प्रभाव बैंको पर भी पड़ा. 2003-04 की रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक बचत खातों में 17 फ़ीसदी की बढ़ोतरी वाजपेयी काल में दर्ज की गई. और सच यही है कि राव-मनमोहन की जोड़ी के उदारवादी अर्थव्यवस्था के चेहरे को ही वाजपेयी सरकार ने अपनाया. उसे 'आर्थिक सुधार का ट्रैक-टू' नाम दिया गया.आंकड़ों के लिहाज़ से देश में 10 करोड़ के मध्यम वर्ग का दायरा 15 करोड़ तक जा पहुंचा और संगठित या अंसगठित क्षेत्र में काम ना मिलने के तनाव से मुक्ति मिली.और याद कीजिए, तब संघ परिवार ने चमक-दमक की इकॉनमी का विरोध किया था. बीएमएस-स्वदेशी जागरण मंच ने देसी अर्थव्यवस्था की वकालत की. वाजपेयी सरकार से दो-दो हाथ किए. तब के वित्त मंत्री यशंवत सिन्हा को कुर्सी छोड़नी पड़ी लेकिन वाजपेयी सरकार ने आर्थिक विकास की इस छलांग में ही शाइनिंग इंडिया के राग गाए.हालांकि वाजपेयी चुनाव हार गए लेकिन थ्योरी यही निकली कि संघ ने साथ नहीं दिया. और वाजपेयी के दौर के आर्थिक सुधार को वामपंथियों के सहयोग से बनी मनमोहन सरकार ने जारी रखा.हालांकि, वामपंथी नेता ए.बी. वर्धन ने डिसइन्वेस्टमेंट का खुला विरोध किया. और सबसे बडी बात तो ये है कि आर्थिक सुधार में 2010 तक कोई रुकावट आई नहीं और इनफॉर्मल सेक्टर को सरकार ने छुआ भी नहीं.2010 में जारी एनएसएसओ के आंकड़ों के मुताबिक बाज़ार से कमाई के बाद असगंठित क्षेत्र से जुड़े 40 करोड़ से ज़्यादा लोगों की कमाई न तो किसी टैक्स के दायरे में थी और ना ही वह रकम किसी को कोई धंधा करने से रोकती या धंधा करने पर सरकार की निगरानी में आती.यानी फ़ॉर्मल सेक्टर के समानांतर एक इनफ़ॉर्मल इकॉनमी थी जो सरकार की इकॉनमी के समानांतर थी. और उसी के दायरे में छोटे और मंझोले उद्योग पनपे. रियल एस्टेट भी चमका.इसलिए सार्वजनिक सेक्टर हो या निजी सेक्टर, घाटा या डूबने के हालात इस दौर में इक्का-दुक्का ही आए. ये सिलसिला 2010 तक जारी रहा, इससे इनकार भी नहीं किया जा सकता है.कह ये भी सकते हैं कि इसी दायरे में वह कालाधन भी खपा जो भ्रष्टाचार से जुड़ा था. यानी सरकारी बाबुओं से लेकर निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की वह रकम जो सरकार की नज़र में नहीं थी, उसने एक समानांतर अर्थव्यवस्था ऐसी बना ली थी जिसने 2008-09 में भी भारत को दुनिया में आई मंदी की चपेट में नहीं आने दिया.यानी मनरेगा से ग्रामीण भारत पर ख़र्च की जाने वाली रकम और शिक्षा की गारंटी योजना को लागू किए जाने की प्रकिया से निजी क्षेत्र को अलग रखा गया जबकि सीएसआर की रकम और शिक्षा में निजी पूंजी के ज़रिये विस्तार दिया जा सकता था.मनमोहन सिंह के आर्थिक सुधार में कुछ रुकावट मनरेगा और शिक्षा की गारंटी सरीखी योजनाओं से इसलिए आई क्योंकि वैकल्पिक खाका कैसे खड़ा हो, इस पर काम नहीं किया गया था.लेकिन फिर भी ध्यान दें तो 2014 में मनमोहन सिंह की हार के बाद मोदी सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनिया घाटे में नहीं मिली थीं.2014 में निजी या सार्वजनिक क्षेत्र कोई बहुत फ़ायदे में नहीं थे तो घाटे में भी नहीं थे. और यहीं से ये सवाल पैदा हुआ था कि मोदी सरकार आर्थिक सुधार के 'ट्रैक 3' या 'ट्रैक 4' (जेनरेशन 3 या 4) को अपनाती है या फिर संघ के स्वदेशी को.ध्यान दीजिए कि स्वदेशी का राग मोदी सत्ता ने बिल्कुल नहीं गाया. लेकिन चले आ रहे आर्थिक सुधार को भ्रष्ट्राचार के नज़रिये से ही परखा और एक-एक करके कमोबेश हर क्षेत्र को सरकारी नज़र के दायरे में इस तरह लाया गया जहां सरकार से नज़दीकी रखने पर ही लाभ मिलता.साथ ही कॉरपोरेट पॉलिटिकल फ़ंडिंग सबसे ज़्यादा ना सिर्फ़ मोदी सत्ता के दौर में हुई बल्कि 90 फ़ीसदी बीजेपी को हुई. लेकिन वक्त के साथ सरकार सेलेक्टिव भी होती गई और जो प्रतिस्पर्धा निजी क्षेत्र में होनी चाहिए थी, वह सरकार की मदद से बढ़ती कंपनियों ने खत्म कर दी.साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र से प्रतिस्पर्धा करने वाली निजी कंपनियों को सरकार ने ही सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियो को ख़त्म करने की क़ीमत पर बढ़ाया. बीएसएनएल और जियो इसका बेहतरीन उदाहरण है.ये सब इस हद तक खुले तौर पर हुआ कि रिलायंस ने अपनी कंपनी जियो के प्रचार प्रसार का एंबेसडर और किसी को नहीं, प्रधानमंत्री मोदी को ही बना दिया. दूसरी ओर तिल-तिल मरते बीएसएनएल के कर्मचारियों को वेतन तक देने की स्थिति में सरकार नहीं आ पाई.इसी तरह अडानी ग्रुप को बिना किसी अनुभव के सिर्फ़ सत्ता से क़रीबी की वजह से जिस तरह पोर्ट और एयरपोर्ट दिए गए, उससे भी आर्थिक विकास की प्रतिस्पर्धा वाली सोच खारिज हो गई. लेकिन सबसे व्यापक असर पड़ा नोटबंदी और जीएसटी से.नोटबंदी ने उस असंगठित क्षेत्र की कमर तोड़ दी जो समानांतर अर्थव्यवस्था को बरकरार रखे हुए था. वहीं जीएसटी ने आर्थिक सुधार के नज़रियों को ताबूत बनाकर उस पर कील ठोंक दी. इससे इनफ़ॉर्मल सेक्टर सरकार की निगाह में आया जहां सरकार इससे वसूली करती दिखती.खेती की ज़मीन का मॉनिटाइज़ेशन शुरू हुआ तो छोटे-मंझोले उद्योग धंधे भी जीएसटी के दायरे में आए. और जीएसटी की उलझन के कारण उत्पादन बाज़ार तक नहीं पहुंचा. जो बाज़ार तक पहुंचा, वह बिका नहीं. यानी आर्थिक सुधार की जो रफ़्तार देश में हर तबके को उपभोक्ता बनाकर उसकी खरीद की ताक़त को बढ़ा रही थी, उस पर ब्रेक लग गया.असंगठित क्षेत्र के 45 करोड़ से अधिक लोगों के सामने रोज़गार का संकट उभरा तो संगठित क्षेत्र से जुड़े लोगों के सामने ये उलझन पैदा हो गई कि वो बिना पूंजी कैसे आगे बढ़े. और इस प्रकिया में रियल एस्टेट से लेकर हर उत्पाद कारखाने में ही सिमटकर रह गया.ग्रामीण भारत को नोटबंदी ने रुलाया तो जीएसटी ने शहरी भारत को. सबसे बड़ा सवाल इस प्रक्रिया में यही उभरा कि अगर आर्थिक सुधार को मोदी सत्ता ने क्रोनी कैपिटलिज़्म और भ्रष्टाचार के नज़रिये से देखा तो उस व्यवस्था को ख़त्म करने के लिए समानांतर कोई दूसरी व्यवस्था खड़ी क्यों नहीं की?दरअसल पहले से चली आ रही व्यवस्था को ख़त्म करने के लिए कोई नई समानांतर व्यवस्था खड़ी न करने से ही संकट शुरू होता है.1991 से 2019 तक क्या बदला1991 से शुरू हुआ आर्थिक सुधार बेशक आवारा पूंजी के रास्ते जगमगाया लेकिन जब उसे ख़त्म करने की शुरुआत हुई तो भ्रष्टाचार थमा नहीं बल्कि चंद हथेलियों में सिमट गया. और इसमें सबसे बड़ी हथेली राजनीतिक सत्ता की ही रही.दूसरी तरफ़ वैकल्पिक अर्थव्यवस्था के किसी ढांचे को खड़ा करने की जगह मोदी उस समाजवादी रास्ते पर निकल पड़े जहां राजनीतिक तौर पर किसान-मज़दूर को लुभाने के लिए धन बांटना तो था लेकिन इस प्रक्रिया में धन आएगा कहां से, इस बारे में कुछ सोचा ही नहीं गया.फिर आर्थिक सुधार के दौर में फ़ॉर्मल सेक्टर से जो लाभ इनफ़ॉर्मल सेक्टर को मिल रहा था, वह भी न सिर्फ़ थम गया बल्कि वहां ख़ून के आंसू बह निकले हैंतो अब सवाल यही है कि क्या मोदी सरकार अपने किए एलान को वापस लेकर आर्थिक सुधार के रास्ते को पकड़ना चाहेगी या फिर अर्थव्यवस्था का राजनीतिक उपाय करेगी?जीडीपी अभी 5 फ़ीसदी पर आ गई है. मगर 2022 तक जब इन्फ़ॉर्मल सेक्टर की जीडीपी सामने आएगी, तब जीडीपी की रफ़्तार 2 फ़ीसदी भी रह जाए तो बड़ी बात होगी.(पांच साल में ही इनफ़ॉर्मल सेक्टर के विकास की दर की जानकारी मिलती है)क्योंकि बिगड़ी अर्थव्यवस्था ने संकेत साफ़ दे दिए हैं कि पॉलिटिकल इकॉनमी के ज़रिये कॉरपोरेट को संभालना, जांच संस्थाओं के ज़रिये राजनीति को साधना और आसमान छूती बेरोज़गारी के लिए राजनीतिक राष्ट्रवाद को जगाना ही नए भारत की सोच है.( लेखक का निजी विचार  है)


 


  •  



  •  



  •  



  •  



Tuesday, September 3, 2019

सिख सम्मेलन में इमरान के बदले सुर

   सिख सम्मेलन में इमरान के बदले सुर


पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भारत से जुड़ी अपनी अच्छी यादें साझा की हैं. उन्होंने कहा है कि जब वे भारत गए तो उन्हें वहां बहुत सम्मान मिला.उन्होंने ये भी कहा कि कोई भी धर्म अत्याचार की इजाज़त नहीं देता और ऐसा हिंदू धर्म में भी नहीं है.लाहौर में सोमवार को अंतरराष्ट्रीय सिख सम्मेलन में उन्होंने लंबा भाषण दिया जिसमें वो हिंदुस्तान, सिखों और कश्मीर जैसे मसलों पर बोले.उन्होंने कहा, "जब मैं पहली बार क्रिकेट खेलने हिंदुस्तान गया तो एक अलग किस्म का मुल्क पाया. वहां हमें खूब इज़्ज़त मिली, प्यार मिला. ये देखकर हम हैरान हो गए कि हम इतनी नफ़रतें और ख़ौफ़नाक चीज़ें सुनते आ रहे थे. हिंदुस्तान जिसे हम दुश्मनों का मुल्क समझते थे, वहां हमें इतनी इज़्जत मिली इतने दोस्त बने. आज भी मेरे कई दोस्त हैं."इमरान ख़ान ने कहा कि इसी वजह से जब वह प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने हिंदुस्तान से रिश्ते बेहतर करने चाहेउन्होंने कहा, "पहले ही दिन मैंने हिंदुस्तान को संदेश दिया कि आप हमारी तरफ़ एक क़दम बढ़ाएंगे तो हम दो क़दम बढ़ाएंगे. नरेंद्र मोदी से फ़ोन पर बात करते हुए मैंने कहा कि दोनों मुल्कों में एक जैसे मसले हैं. ग़रीबी है, बेरोज़गारी है और बहुत बड़ा मसला है जलवायु परिवर्तन." प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीर मसला बातचीत से हल किया जा सकता है पर इस पर भारत की ओर से हमेशा शर्तें रखी गईं.इमरान ख़ान ने कहा, "जैसे कोई सुपर पावर देश किसी ग़रीब मुल्क को कहे कि पहले आप ये करें तब हम आगे चलेंगे. मैं बड़ा हैरान था क्योंकि मेरे दिमाग़ में ही नहीं है कि जंग से कोई भी मसला हल किया जा सकता है. जो भी जंग से मसले हल करने की कोशिश करता है उसमें अक्ल ही नहीं हैं, उसने दुनिया का इतिहास ही नहीं पढ़ा है. आप जंग से एक मसला हल करते हो, चार और मसले निकल कर आ जाते हैंपूर्व क्रिकेट कप्तान से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का सफ़र तय करने वाले इमरान ख़ान ने भारत पर धार्मिक भेदभाव के आरोप लगाए.उन्होंने कहा, "भारत ने कश्मीर में 27 दिनों से कर्फ्यू लगाया हुआ है और 80 लाख लोगों को बंद किया हुआ है. बेचारे मरीज़ों और बच्चों का क्या हो रहा होगा. जिसे अंदर इंसानियत होगी वो ऐसा कर सकता है? कोई भी धर्म इसकी इजाज़त देता है? आप हिंदूवाद पढ़ लें. हिंदूवाद इज़ाजत देता है ऐसा करने की? आप तब ऐसा करते हैं जब आप समझते हैं कि दूसरे धर्म के लोग बराबर के इंसान नहीं है."उन्होंने कहा कि ये लोग (कश्मीरी) मुसलमान न होते तो भी वो इस पर बोलते.हालांकि भारत सरकार का कहना है कि संचार के साधनों पर पाबंदी और आवाजाही सीमित करने से उसे हालात बिगड़ने से रोकने और लोगों की जानें बचाने में मदद मिली है.भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूरोप की पत्रिका 'पोलिटिको' से बात करते हुए कहा कि यह कैसे संभव है कि चरमपंथियों का इंटरनेट रोका जाए और बाक़ी लोगों का इंटरनेट जारी रहे.उन्होंने कहा, "यह संभव नहीं था कि आतंकवादियों के बीच संपर्क काट दिया जाए तो इससे आम लोगों की ज़िंदगी प्रभावित न हो. ऐसा कैसे संभव है कि मैं आतंकवादियों और उनके आकाओं के बीच संचार के साधन काट दूं लेकिन दूसरे लोगों के लिए इंटरनेट जारी रखूं? मैं ये तरीक़ा जानना चाहूंगा."इमरान ख़ान ने भारत की नरेंद्र मोदी सरकार, भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कड़ी आलोचना की.उन्होंने कहा, "मुझे अफ़सोस के साथ कहना पड़ता है कि बीजेपी की ये हुकूमत उस नज़रिए पर चल रही है, जिस वजह से पाकिस्तान बना था."पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि 'क़ायद-ए-आज़म' सांप्रदायिक नहीं थे, बल्कि उन्होंने पहचान लिया था कि ये विचारधारा सबके लिए आज़ादी नहीं बल्कि हिंदू राष्ट्र चाह रही है.पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भारत से जुड़ी अपनी अच्छी यादें साझा की हैं. उन्होंने कहा है कि जब वे भारत गए तो उन्हें वहां बहुत सम्मान मिला.उन्होंने ये भी कहा कि कोई भी धर्म अत्याचार की इजाज़त नहीं देता और ऐसा हिंदू धर्म में भी नहीं है.लाहौर में सोमवार को अंतरराष्ट्रीय सिख सम्मेलन में उन्होंने लंबा भाषण दिया जिसमें वो हिंदुस्तान, सिखों और कश्मीर जैसे मसलों पर बोले.उन्होंने कहा, "जब मैं पहली बार क्रिकेट खेलने हिंदुस्तान गया तो एक अलग किस्म का मुल्क पाया. वहां हमें खूब इज़्ज़त मिली, प्यार मिला. ये देखकर हम हैरान हो गए कि हम इतनी नफ़रतें और ख़ौफ़नाक चीज़ें सुनते आ रहे थे. हिंदुस्तान जिसे हम दुश्मनों का मुल्क समझते थे, वहां हमें इतनी इज़्जत मिली इतने दोस्त बने. आज भी मेरे कई दोस्त हैं."उन्होंने कहा, "पहले ही दिन मैंने हिंदुस्तान को संदेश दिया कि आप हमारी तरफ़ एक क़दम बढ़ाएंगे तो हम दो क़दम बढ़ाएंगे. नरेंद्र मोदी से फ़ोन पर बात करते हुए मैंने कहा कि दोनों मुल्कों में एक जैसे मसले हैं. ग़रीबी है, बेरोज़गारी है और बहुत बड़ा मसला है जलवायु परिवर्तन."पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीर मसला बातचीत से हल किया जा सकता है पर इस पर भारत की ओर से हमेशा शर्तें रखी गईं.इमरान ख़ान ने कहा, "जैसे कोई सुपर पावर देश किसी ग़रीब मुल्क को कहे कि पहले आप ये करें तब हम आगे चलेंगे. मैं बड़ा हैरान था क्योंकि मेरे दिमाग़ में ही नहीं है कि जंग से कोई भी मसला हल किया जा सकता है. जो भी जंग से मसले हल करने की कोशिश करता है उसमें अक्ल ही नहीं हैं, उसने दुनिया का इतिहास ही नहीं पढ़ा है. आप जंग से एक मसला हल करते हो, पूर्व क्रिकेट कप्तान से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का सफ़र तय करने वाले इमरान ख़ान ने भारत पर धार्मिक भेदभाव के आरोप लगाए.उन्होंने कहा, "भारत ने कश्मीर में 27 दिनों से कर्फ्यू लगाया हुआ है और 80 लाख लोगों को बंद किया हुआ है. बेचारे मरीज़ों और बच्चों का क्या हो रहा होगा. जिसे अंदर इंसानियत होगी वो ऐसा कर सकता है? कोई भी धर्म इसकी इजाज़त देता है? आप हिंदूवाद पढ़ लें. हिंदूवाद इज़ाजत देता है ऐसा करने की? आप तब ऐसा करते हैं जब आप समझते हैं कि दूसरे धर्म के लोग बराबर के इंसान नहीं है."उन्होंने कहा कि ये लोग (कश्मीरी) मुसलमान न होते तो भी वो इस पर बोलते.हालांकि भारत सरकार का कहना है कि संचार के साधनों पर पाबंदी और आवाजाही सीमित करने से उसे हालात बिगड़ने से रोकने और लोगों की जानें बचाने में मदद मिली है.भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूरोप की पत्रिका 'पोलिटिको' से बात करते हुए कहा कि यह कैसे संभव है कि चरमपंथियों का इंटरनेट रोका जाए और बाक़ी लोगों का इंटरनेट जारी रहे.उन्होंने कहा, "यह संभव नहीं था कि आतंकवादियों के बीच संपर्क काट दिया जाए तो इससे आम लोगों की ज़िंदगी प्रभावित न हो. ऐसा कैसे संभव है कि मैं आतंकवादियों और उनके आकाओं के बीच संचार के साधन काट दूं लेकिन दूसरे लोगों के लिए इंटरनेट जारी रखूं? मैं ये तरीक़ा जानना चाहूंगा."इमरान ख़ान ने भारत की नरेंद्र मोदी सरकार, भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कड़ी आलोचना की.उन्होंने कहा, "मुझे अफ़सोस के साथ कहना पड़ता है कि बीजेपी की ये हुकूमत उस नज़रिए पर चल रही है, जिस वजह से पाकिस्तान बना था."पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि 'क़ायद-ए-आज़म' सांप्रदायिक नहीं थे, बल्कि उन्होंने पहचान लिया था कि ये विचारधारा सबके लिए आज़ादी नहीं बल्कि हिंदू राष्ट्र चाह रही है.



 


उन्होंने कहा, "तब उन्होंने बार-बार कहा था कि तुम्हें आज़ादी नहीं मिल रही, अंग्रेज़ों की गु़लामी के बाद तुम लोग हिंदुओं की ग़ुलामी में जा रहे हो."इमरान ख़ान ने कहा, "मैं हिंदुस्तान को बहुत अच्छे से जानता हूं. मैं कितनी दफे जाता था. वहां मेरे कितने दोस्त हैं ,वहां लेकिन जिस तरह ये आरएसएस हिंदुस्तान को लेकर जा रही है, इसके अंदर किसी की जगह नहीं हैसिख सम्मेलन में उन्होंने पाकिस्तानी सिखों को आश्वस्त किया कि वो उन्हें मल्टीपल वीज़ा दिलाने के लिए काम करेंगे और आगे भी आसानी पैदा करेंगे.उन्होंने कहा, "आपको हिंदुस्तान जाना हो, वापस आना हो आपके लिए मल्टीपल वीज़ा की सुविधा भी हम करेगें."उन्होंने कहा कि अगर मुसलमान किसी भी दूसरे मज़हब के साथ नाइंसाफ़ी करता है तो वो हमारे धर्म के ख़िलाफ़ है. जितने भी अल्पसंख्यक हैं वो हमारे बराबर के नागरिक हैं.इमरान ख़ान ने करतारपुर साहिब और ननकाना साहिब सिख तीर्थों का ज़िक्र भी किया.उन्होंने कहा, "करतारपुर आपका मदीना है, ननकाना साहब आपका मदीना है. तो हम तो सोच भी नहीं सकते कि आपको आपके मक्का और मदीना से दूर रखें. किसी भी मुसलमान को कितनी तकलीफ़ हो जब उसे मक्का मदीना न भेजा जाए तो इसलिए आपके ऊपर कोई अहसान नहीं किया है. ये हमारा फ़र्ज़ था. हम आपके लिए आसानियां पैदा करेगें."भारत से जारी तनाव और युद्ध की आशंकाओं पर उन्होंने कहा, "हम दो परमाणु शक्तियां हैं अगर तनाव बढ़ता है तो इससे दुनिया को ख़तरा है. मैं सिर्फ कह रहा हूं कि हमारी तरफ से कभी भी किसी भी तरफ पहल नहीं होगी."हालांकि बाद में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस बयान पर सफ़ाई देते हुए कहा कि विदेशी समाचार एजेंसियों ने इमरान ख़ान के बयान को ग़लत रूप से पेश किया है. मंत्रालय ने कहा, "दो परमाणु शक्तियों के बीच संघर्ष के समय पाकिस्तान के रुख़ पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी को संदर्भ से हटकर समझ लिया गया है. दो परमाणु शक्तियों के बीच कभी संघर्ष नहीं होना चाहिए, हालांकि पाकिस्तान की परमाणु नीति में कोई बदलाव नहीं है.न्होंने कहा, "तब उन्होंने बार-बार कहा था कि तुम्हें आज़ादी नहीं मिल रही, अंग्रेज़ों की गु़लामी के बाद तुम लोग हिंदुओं की ग़ुलामी में जा रहे हो."इमरान ख़ान ने कहा, "मैं हिंदुस्तान को बहुत अच्छे से जानता हूं. मैं कितनी दफे जाता था. वहां मेरे कितने दोस्त हैं ,वहां लेकिन जिस तरह ये आरएसएस हिंदुस्तान को लेकर जा रही है, इसके अंदर किसी की जगह नहीं हैं.सिख सम्मेलन में उन्होंने पाकिस्तानी सिखों को आश्वस्त किया कि वो उन्हें मल्टीपल वीज़ा दिलाने के लिए काम करेंगे और आगे भी आसानी पैदा करेंगे.उन्होंने कहा, "आपको हिंदुस्तान जाना हो, वापस आना हो आपके लिए मल्टीपल वीज़ा की सुविधा भी हम करेगें."उन्होंने कहा कि अगर मुसलमान किसी भी दूसरे मज़हब के साथ नाइंसाफ़ी करता है तो वो हमारे धर्म के ख़िलाफ़ है. जितने भी अल्पसंख्यक हैं वो हमारे बराबर के नागरिक हैं.इमरान ख़ान ने करतारपुर साहिब और ननकाना साहिब सिख तीर्थों का ज़िक्र भी किया.उन्होंने कहा, "करतारपुर आपका मदीना है, ननकाना साहब आपका मदीना है. तो हम तो सोच भी नहीं सकते कि आपको आपके मक्का और मदीना से दूर रखें. किसी भी मुसलमान को कितनी तकलीफ़ हो जब उसे मक्का मदीना न भेजा जाए तो इसलिए आपके ऊपर कोई अहसान नहीं किया है. ये हमारा फ़र्ज़ था. हम आपके लिए आसानियां पैदा करेगें."भारत से जारी तनाव और युद्ध की आशंकाओं पर उन्होंने कहा, "हम दो परमाणु शक्तियां हैं अगर तनाव बढ़ता है तो इससे दुनिया को ख़तरा है. मैं सिर्फ कह रहा हूं कि हमारी तरफ से कभी भी किसी भी तरफ पहल नहीं होगी."हालांकि बाद में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस बयान पर सफ़ाई देते हुए कहा कि विदेशी समाचार एजेंसियों ने इमरान ख़ान के बयान को ग़लत रूप से पेश किया है. मंत्रालय ने कहा, "दो परमाणु शक्तियों के बीच संघर्ष के समय पाकिस्तान के रुख़ पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी को संदर्भ से हटकर समझ लिया गया है. दो परमाणु शक्तियों के बीच कभी संघर्ष नहीं होना चाहिए, हालांकि पाकिस्तान की परमाणु नीति में कोई बदलाव नहीं है.


Monday, September 2, 2019

मध्यप्रदेश में नहीं लागू हुए ट्रैफिक नियम जाने बजे


मध्यप्रदेश में नहीं लागू हुए ट्रैफिक नियम जाने बजे

एक सितंबर से पूरे देश में नया मोटर अधिनियम लागू हो गया है। इसमें यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर 10 गुना जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है। सरकार का मानना है कि इससे लोग जागरुक होंगे और नियमों का पालन करेंगे। मगर इन नियम को लेकर विवाद शुरू हो गया है। 24 घंटे बीतने के बावजूद मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, पंजाब और पश्चिम बंगाल में यह अधिनियम लागू नहीं हुआ है। 
राज्य सरकारों ने बढ़े हुए जुर्माने के कारण यह फैसला लिया है। गुजरात सरकार का कहना है कि वह आरटीओ से बात करके फैसला लेगी वहीं राजस्थान सरकार ने इसपर सोमवार को समीक्षा करने की बात कही है। जानें किन राज्यों ने किस कारण से इसे लागू नहीं किया है:-

जुर्माना ज्यादा इसलिए नहीं होगा लागू

कमलनाथ सरकार में मंत्री पीसी शर्मा ने रविवार को कहा कि राज्य में एक सितंबर से नए नियम लागू नहीं होंगे। शर्मा ने कहा कि केंद्र ने यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना लगाया है और राज्य सरकार चर्चा के बाद ही इस अधिनियम को लागू करेगी। इसी कारण संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव से कहा गया है कि वे नए प्रावधानों का अध्ययन करें और जुर्माने की राशि केंद्र सरकार से कम करवाने के लिए कदम उठाएं। वहीं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि अधिनियम का अध्ययन करने के बाद राज्य में जुर्माने की नई दरें लागू होंगी। प्रदेश में फिलहाल पुरानी दरें ही प्रभावी रहेंगी। हम नहीं चाहते कि लोगों पर पांच-दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाए। जहां जरुरत है वहां लागू करेंगे।

चालान बुक में नहीं आया कोई नोटिफिकेशन

पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने अपने राज्य में नया अधिनियम लागू नहीं किया है। ट्रैफिक पुलिस के पास इसे लेकर नोटिफिकेशन की कॉपी नहीं पहुंची है। आदेश लागू होने के पहले दिन पुलिस ने नाकेबंदी की और 140 लोगों के चालान काटे। जिसमें नाबालिग बच्चे भी शामिल हैं। ट्रैफिक इंजार्ज का कहना है कि ट्रैफिक नियमों में जुर्माना बढ़ाए जाने की जानकारी मिली है लेकिन चालान बुक में इसे लेकर कोई नया नोटिफिकेशन नहीं आया है। नया नोटिफिकेशन आने पर उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

गुजरात में नहीं जारी हुआ नोटिफिकेशन



गुजरात नें भाजपा सरकार है। इसके बावजूद राज्य में नए ट्रैफिक नियम लागू नहीं हुए हैं। राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि वह आरटीओ से बात करने के बाद इसे लागू किया जाएगा। परिवहन विभाग की तरफ से इसे लेकर अभी नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकतम जुर्माना और सजा के प्रावधानों पर अभी फैसला होना बाकी है। एक हफ्ते के अंदर मंत्रिमंडल और अधिकारियों के साथ बैठक करके इसपर फैसला ले लिया जाएगा। जिसके बाद राज्य में अधिनियम का क्रियान्वयन शुरू हो जाएगा। अभी पुराने नियमों के तहत ही जुर्माना वसूला जा रहा है।

राजस्थान ने की समीक्षा की मांग

राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि राज्य में ट्रैफिक नियमों में बदलाव कानून लागू हो गया है लेकिन हमारा मानना है कि जुर्माना लोगों की पहुंच से बाहर नहीं होना चाहिए। मंदी के इस दौर में ज्यादातर लोगों के पास दो वक्त की रोटी तक का इंतजाम नहीं है। ऐसे में यदि उसपर भारी जुर्माना लगाया जाएगा तो वह गाड़ी कैसे छुड़ा पाएगा। 

पश्चिम बंगाल ने पहले ही कर दिया था एलान

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस की सरकार है। राज्य सरकार ने पहली ही नए अधिनियम को लागू करने से मना कर दिया था। राज्य के परिहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि हमने पहले ही कहा था कि राज्य में यह नियम लागू नहीं होगा। केंद्र सरकार जब इस संशोधन को कानून बना रही थी हमने तभी इसका विरोध किया था। कई क्षेत्रों में जुर्माना राशि 10 गुना तक बढ़ा दी गई है। राज्य सरकार ने कानून के तहत वाहन के फिटनेस की जिम्मेदारी निर्माता को दी है जिसका उसने विरोध किया है।


 अर्थव्यवस्था की हालत बेहद गंभीर मनमोहन सिंह सरकारी आंकड़ों की हकीकत

 अर्थव्यवस्था की हालत बेहद गंभीर मनमोहन सिंह सरकारी आंकड़ों की हकीकत


  जो तिमाही विकास दर के आँकड़े हैं, वो संगठित और कॉर्पोरेट सेक्टर पर आधारित होते हैं.असंगठित क्षेत्र को इसमें पूरी तरह शामिल नहीं किया जाता है, तो ये मान लिया जाता है कि असंगठित क्षेत्र भी उसी रफ़्तार से बढ़ रहा है, जिस रफ़्तार से संगठित क्षेत्र.लेकिन चारों तरफ़ से ख़बरें आ रही हैं कि लुधियाना में साइकिल और आगरा में जूते जैसे उद्योगों से जुड़े असंगठित क्षेत्र बहुत बड़ी तदाद में बंद हो गए हैं.असंगठित क्षेत्र का विकास दर गिर रहा है तो यह मान लेना कि असंगठित क्षेत्र, संगठित क्षेत्र की रफ़्तार से बढ़ रहा है, ग़लत है.हमारे असंगठित क्षेत्र में 94 प्रतिशत लोग काम करते हैं और 45 प्रतिशत उत्पादन होता है. अगर जहां 94 प्रतिशत लोग काम करते हैं, वहां उत्पादन और रोज़गार कम हो रहे हैं तो वहां मांग घट जाती है.यह जो मांग घटी है, वो नोटबंदी से बाद से शुरू हुआ. फिर आठ महीने बाद जीएसटी का असर पड़ा और उसके बाद बैंकों के एनपीए का असर पड़ा. इन सबके बाद ग़ैरबैंकिंग वित्तीय कंपनियों के संकट का असर पड़ा.यानी अर्थव्यवस्था को तीन साल में तीन बड़े-बड़े झटके लगे हैं, जिनकी वजह से बेरोजगारी बढ़ी है. चेन्नई मैथेमेटिकल इंस्टिट्यूट के आंकड़े दिखाते हैं कि देश में कर्मचारियों की संख्या 45 करोड़ थी, जो घट कर 41 करोड़ हो गई है.इसका मतलब यह है कि चार करोड़ लोगों की नौकरियां या काम छिन गए हैं. जब इतने बड़े तबके की आमदनी कम हो जाएगी तो ज़ाहिर सी बात है मांग घट जाएगी. जब मांग घट जाएगी तो उपभोग की क्षमता कम हो जाएगी और जब उपभोग की क्षमता कम हो जाएगी तो निवेश कम हो जाएगा.हमारी अर्थव्यवस्था में निवेश की दर 2012-13 में सबसे ऊपर थी. उस वक़्त निवेश की दर 37 फ़ीसदी की दर से बढ़ रही थी और वो आज गिरकर 30 फ़ीसदी से कम हो गई है.जब तक निवेश नहीं बढ़ता है, विकास दर नहीं बढ़ती है.मेरा मानना है कि जो समस्या है, ये असंगठित क्षेत्र से शुरू हुई और अब वो धीरे-धीरे संगठित क्षेत्र पर भी असर डाल रही है. उदाहरण के तौर पर आप ऑटोमोबिल और एफ़एमसीजी सेक्टर को देख सकते हैं.आपने पारले-जी बिस्किट की मांग घटने के बारे में सुना होगा. यह एक संगठित क्षेत्र है. इनका उपयोग असंगठित क्षेत्र से जुड़े लोग करते हैं. जब असंगठित क्षेत्र में आमदनी कम होगी तो मांग अपने-आप कम हो जाएगी. एफ़एमसीजी का भी यही हाल है.अगर हमारी अर्थव्यवस्था छह या पाँच प्रतिशत की रफ़्तार से भी बढ़ रही है तो यह एक बहुत अच्छी रफ़्तार है. इसके बाद भी खपत कम क्यों हो रही है, इसे बढ़ना चाहिए था. निवेश भी पाँच प्रतिशत की रफ़्तार से बढ़ना चाहिए था.जब खपत में कमी आई है, निवेश नहीं बढ़ रहा है तो यह दर्शाता है कि आर्थिक विकास दर पाँच, छह या सात प्रतिशत नहीं है बल्कि यह शून्य प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है, क्योंकि असंगठित क्षेत्र के आँकड़े इसमें शामिल ही नहीं किए जाते हैं.जिस दिन आप असंगठित क्षेत्र के आँकड़े उसमें जोड़ लेंगे तो पता लग जाएगा कि विकास दर शून्य या एक प्रतिशत है. असंगठित क्षेत्र के आँकड़े पाँच सालों में एक बार इकट्ठे किए जाते हैं. इस दरमियान यह मान लिया जाता है कि असंगठित क्षेत्र भी उसी रफ़्तार से बढ़ रहा है जिस रफ़्तार से संगठित क्षेत्र.यह अनुमान लगाना नोटबंदी के पहले तक तो ठीक था, लेकिन जैसे ही नोटबंदी की गई, उसका जबरदस्त असर पड़ा. असंगठित क्षेत्रों पर और उसकी गिरावट शुरू हो गई.9 नवंबर 2016 के बाद जीडीपी के आँकड़ों में असंगठित क्षेत्र के विकास दर के अनुमान को शामिल करने का यह तरीक़ा ग़लत है.यह भी कहा जा रहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुज़र रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से नहीं सुस्ती के दौर से गुज़र रही है. जब विकास दर ऋणात्मक हो जाए तो उस स्थिति को मंदी का दौर माना जाता है.लेकिन अभी जो आँकड़े सरकार ने प्रस्तुत किए हैं, अगर उनमें असंगठित क्षेत्र के आँकड़ों को शामिल कर लिया जाए तो भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के दौर गुजर रही है.जीएसटी असंगठित क्षेत्रों पर लागू नहीं होता है.संगठित क्षेत्रों पर जीएसटी का असर हुआ है. पिछले ढाई साल से जब से जीएसटी लागू हुआ है तब से 1400 से अधिक बदलाव किए गए हैं. इससे संगठित क्षेत्र के लोगों में उलझन बहुत बढ़ी है.लोग जीएसटी फाइल नहीं कर पा रहे हैं. क़रीब 1.2 करोड़ लोगों ने जीएसटी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है, लेकिन सिर्फ़ 70 लाख लोग जीएसटी फाइल करते हैं और एनुअल रिटर्न सिर्फ़ 20 प्रतिशत लोगों ने फाइल किया है.तो कुल मिलाकर जीएसटी का अर्थव्यवस्था को जबरदस्त धक्का लगा है.समस्या असंगठित क्षेत्र से शुरू होती है और संगठित क्षेत्र भी अछूता नहीं है. अर्थव्यवस्था में मंदी या फिर सुस्ती के चलते सरकार के टैक्स कलेक्शन में कमी आई है. पिछले साल जीएसटी में 80 हज़ार करोड़ की कमी आई और डायरेक्ट टैक्स में भी इतने की ही कमी आई.कुल मिलाकर सरकारी ख़ज़ाने को 1.6 लाख करोड़ रुपए का घाटा हुआ. जब सरकार की आमदनी कम हुई तो उसने खर्चे कम कर दिए. जब खर्चे कम होंगे तो मंदी और गहरा जाएगी.अब कहा जा रहा है कि बैंकों का विलय अर्थव्यवस्था को मज़बूती देगा. लेकिन ये बात ग़लत है. बैंकों के विलय का असर पाँच से दस साल बाद दिखेगा. उसका कोई तत्कालिक असर नहीं होगा.वे सभी अभी मंदी की बात नहीं कह रहे हैं, लेकिन धीरे-धीरे बाद में सब मंदी की बात कहने लगेंगे, जब असगंठित क्षेत्र के आँकड़ों को शामिल किया जाएगा.सरकार की तरफ़ से दिए गए बयानों से यह बात स्पष्ट होती है कि उसने मान लिया है कि अर्थव्यवस्था कमज़ोर हुई है और एक के बाद एक पैकेज की घोषणा की जा रही है. आरबीआई भी घोषणा कर रहा है.आरबीआई ने 1.76 लाख करोड़ रुपए का पैकेज जारी किया है. इसका इस्तेमाल भी संगठित क्षेत्र के लिए किया जाएगा. असंगठित क्षेत्र के लिए किसी तरह के पैकेज की घोषणा नहीं की गई है. रोज़गार बढ़ाने के लिए पैकेज की घोषणा नहीं की गई है.जहां से समस्या शुरू हुई है, उन क्षेत्रों पर सरकार का ध्यान नहीं है. जब तक इन क्षेत्रों के लिए पैकेज की घोषणा नहीं की जाएगी, तब तक कोई सुधार होता नहीं दिखेगा


आज का राशिफल


 आज का राशिफल

मेष- आज आप अपना काम बहुत सलीके से करेंगे। आपकी व्यावसायिक योग्यता विकसित होगी। नये उद्यम में सफलता मिलेगी। आप अपनी बौद्धिक क्षमता के कारण सम्मान प्राप्त करेंगे। आप प्रभावशाली रहेंगे। मित्रों से भी सहयोग मिलेगा। आर्थिक लाभ शुभ रहेगा। माता-पिता से संबंध मधुर रहेंगे। पारिवारिक वातावरण सुखद रहेगा। आप विलास सामग्री पर व्यय कर सकते हैं।

 



वृष- रचनात्मक क्षेत्र से जुड़े जातकों को आज आपकी रचनात्मक क्षमताओं के लिए महत्वपूर्ण लोगों से प्रोत्साहन मिल सकता है। जो लोग लेखन, कला, साहित्य, संगीत, सिनेमा, नृत्य या खेल से जुड़े हैं, उन्हें आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे और पहचान भी हासिल होगी।आर्थिक क्षेत्र में प्रयास लाभ देंगे। पुराना कर्ज चुकाना श्रेयकर रहेगा। नवीन व्यवसायी खुद को स्थापित करने में सक्षम होंगे। पारिवारिक जीवन आनंदमय रहेगा। अगर आप किसी सम्बन्ध में हैं तो आप शादी करने का फैसला कर सकते हैं।




 




 

मिथुन- आज आपको मिले-जुले परिणाम मिलेंगे, लेकिन अंततः चीजें आपके पक्ष में और आपके लिए लाभदायक सिद्ध होंगी। थोड़ा निराश हो सकते हैं, किन्तु शांति और धैर्य रखते हुए आगे बढ़ने से  चीजे आपके नियंत्रण में आती रहेंगी। आपको वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन आप इसे सही और वांछित दिशा देने में सफल होंगे। उत्तरार्ध अच्छा रहेगा और कठिनाइयां अतीत की बात लगेंगी। वित्तीय स्थिति में सुधार होगा और निवेश योजनाओं पर भी विचार किया जाए।


 


कर्क- दिन मिला जुला रहेगा। शिक्षाविदों, बैंकिंग, तकनीकी गतिविधियों से जुड़े पेशेवर संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे। आउटिंग पर भारी खर्च से कई लोगों का पर्स खाली हो सकता है। अपने खर्च को नियंत्रित करना बेहतर है। पारिवारिक वातावरण खुशहाल रहेगा। आप जीवनसाथी और बड़ों के साथ संबंधों का आनंद लेंगे। बच्चे ठीक कर रहे होंगे। स्वास्थ्य के मोर्चे पर कुछ लोग हीट स्ट्रोक, अत्यधिक अम्लता और पेट की बीमारियों से पीड़ित हो सकते हैं। 


 


सिंह- आपकी संचार क्षमता आज उच्च स्तर पर है। अत: किसी भी नए उद्यम के लिए एक अच्छा समय है। आज आप अधिकांश उपक्रमों का सफलतापूर्वक प्रबंधन कर पाएंगे। आपके पास नए अधिग्रहण हो सकते हैं जो आपकी जीवन-शैली में सुधार करेंगे। आपका पारिवारिक-जीवन थोड़ा समस्या ग्रस्त हो सकता है। आप दुखी हो सकते हैं और अपने बच्चों के कारण चिंतित रह सकते हैं I इन सब समस्यों के बीच आपका जीवनसाथी बहुत स्नेही और प्यार करने वाला होगा जो आपको तनावों से उबरने के लिए नैतिक समर्थन प्रदान करेगा।


 


कन्या- आप अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेंगे और आपका आत्मविश्वास भी काफी बढ़ जाएगा। आप अपने वरिष्ठों और सहकर्मियों का ध्यान समान रूप से आकर्षित करेंगे। प्राधिकरण और रैंक के व्यक्ति आपके पक्ष में होंगे और आप एक उच्च जिम्मेदार पद पर आसीन हो सकते हैं। आपकी आमदनी बढ़ेगी। आपका पारिवारिक-जीवन आनंदमय रहेगा और आपके बच्चे आपके लिए गर्व का स्रोत बनेंगे।


 


तुला- यह मिश्रित परिणामों की अवधि होगी। इस समय आप थोड़े चिंतित हो सकते हैं। आप अनावश्यक जटिलताओं में फंस सकते हैं और आपको चल रही परियोजनाओं में बाधाओं का भी सामना करना पड़ सकता है। वित्तीय मुद्दों को हल करने में भी कुछ समय लग सकता है। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले अच्छे से सोच लें और फिर ये आपकी कठिनाइयों से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित होंगे। पारिवारिक जीवन सामंजस्यपूर्ण रहेगा और आप बड़े उत्साह के साथ पारिवारिक गतिविधियों में भाग लेंगे। कुछ यात्रा होगी जो लाभदायक रहेगी।


 


वृश्चिक- आज पारिवारिक-जीवन में अस्थिरता रह सकती है। आपका अपने माता-पिता के साथ कुछ वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। प्रेम संबंधों के लिए समय शुभ है। नौकरीपेशा जातक कठिन परिश्रम से अपने वरिष्ठों को संतुष्ट कर सकते हैं। यदि आप अपना दृष्टिकोण बदल लें और ईमानदारी से काम करें तो आने वाले दिनों में आपकी रैंक, पारिश्रमिक और लोकप्रियता बढ़ सकती है। आप कुछ नवीन शौक विकसित कर सकते हैं जो आपकी जेब पर भारी पड़ सकते हैं।


 


धनु- आपकी यात्राओं का सुखद अनुभव रहेगा। आत्मविश्वास से परिपूर्ण आप अच्छा मुनाफा कमाएं। पारिवारिक परिवेश में तनावपूर्ण स्थितियों के चलते, पारिवारिक सदस्य आपकी सफलता का पूर्ण आनंद नहीं ले पाएंगे। प्रेमियों को प्रेम संबंधों में आई ग़लतफ़हमी का सामना सामान्य से अधिक साहस और कुशलता के साथ करना होगा। मित्र संबंध अपेक्षा के अनुसार अधिक उपयोगी नहीं हो सकते हैं।


 


मकर- चल रही परियोजनाओं और कार्यों में बाधाएं संभव हैं। किसी भी बहस या टकराव से बचें। निवेश को स्थगित करना सबसे अच्छा होगा। किसी भी संपत्ति के सौदे को अंतिम रूप देने से पहले सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें अन्यथा नुकसान हो सकता है। शुभचिंतकों और दोस्तों का समर्थन आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा और आपको समय-समय पर अच्छी सलाह मिलेगी। कुछ स्वास्थ्य का मुद्दा अचानक उठ सकता है। शादीशुदा ज़िंदगी सामान्य रहेगी।


 


कुंभ- नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को जल्द ही सफलता मिलेगी। वित्तीय बाधाओं का सामना कर सकते हैं, लेकिन इससे निपटने के लिए आप नई रणनीति बनाने के लिए भी कदम उठाएंगे। आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा लेकिन तनाव से दूर रहें। प्रेमियों के लिए अपने आठ के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का एक अच्छा समय है। आपको अचानक काम से संबंधित यात्रा पर जाना पड़ सकता है।


 


मीन- आपको अपनी प्रतिभा और निवेशित प्रयासों के लिए उचित मान्यता प्राप्त होगी। आपका पारिवारिक जीवन खुशियों से उज्ज्वल रहेगा। आप अच्छे स्वास्थ्य में होंगे। आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आप अकेले काम करके लंबित कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा करेंगे। नया उद्यम शुरू करने या विवेकपूर्ण निवेश करने के लिए यह एक बहुत अच्छी अवधि है। आपका नाम और प्रसिद्धि व्यापक होगी और आपके पास नए अधिग्रहण हो सकते हैं।